जब भारत आखिरी बार टेस्ट मैच में ऑस्ट्रेलिया से मिला था, तो रन-मशीन विराट कोहली ने खेल के सबसे लंबे फॉर्मेट में अपने शतक के सूखे को खत्म किया था। कोहली के 29वें टेस्ट शतक ने भारत को बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के चौथे और अंतिम टेस्ट में शानदार शतक जड़ते हुए सीरीज अपने नाम की।
कोहली पर अहम जिम्मेदारी
मेजबान भारत ने बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी अपने नाम करते हुए आईसीसी विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में अपनी जगह पक्की की। कोहली ने आईपीएल में भी बेहतरीन परफॉर्म करते हुए कई रिकॉर्ड अपने नाम किए। ऐसे में चैंपियनशिप के फाइनल में कोहली के कंधों पर टीम इंडिया की बल्लेबाजी का अहम जिम्मा होगा।
कोहली से निराश था भाग्य
विश्व टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल से पहले कोहली के फॉर्म के बारे में पूर्व महान खिलाड़ी सुनील गावस्कर ने स्टार स्पोर्ट्स से बातचीत के दौरान कहा कि कोहली के बुरे दौर में भाग्य उनका साथ नहीं दे रहा था। हर खिलाड़ी खराब पैच या लीन पैच नामक चीजों से गुजरता है। इसलिए मुझे लगता है कि कोहली के साथ भी ऐसा हुआ था।
कोहली को वापस मिला भाग्य
कोहली ने जब एक बार फिर रन बनाना शुरू किया तो शुरुआती दौर में भाग्य ने कोहली का भरपूर साथ दिया। अंदर का किनारा स्टंप्स के पास जा रहे थे, लेकिन स्टंप्स को नहीं लग रहा था। कैच छूट रहे थे या फील्डर से थोड़ी ही दूरी पर होते थे। यह किस्मत का एक छोटा हिस्सा ही था, जिसने बुरे दौर में कोहली का साथ छोड़ दिया था और अब उसे वापस मिल गया है।
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेलना कोहली का मनपसंद
रन-मशीन कोहली को ऑस्ट्रेलियाई टीम के खिलाफ बल्लेबाजी करना पसंद है। कोहली ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ चार मैचों की टेस्ट सीरीज में भारत के लिए सबसे ज्यादा रन बनाने वाले खिलाड़ी थे। 34 वर्षीय ने बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के दौरान 6 पारियों में 297 रन बनाए थे। गावस्कर ने कहा कि कोहली के पास अद्भुत टैलेंट है और उनमें रनों की भूख है। इसमें कोई आश्चर्य नहीं कि वह रन बनाने के लिए वापस आ गए हैं।