भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी क्या अंधविश्वासी हैं? टीम इंडिया ने 2011 का वर्ल्ड कप क्या ‘टोटका’ की वजह से जीता था? पूर्व विस्फोटक ओपनर वीरेंद्र सहवाग ने इस राज से पर्दा उठाया है सहवाग ने धोनी की अनसुनी कहानी बताई है सहवाग का कहना है कि 2011 के वर्ल्ड कप में तत्कालीन कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने पूरे टूर्नामेंट के दौरान एक टोटका अपनाया था जो काम कर गया भारत ने तब 28 साल बाद दूसरी बार वर्ल्ड कप पर कब्जा किया था टीम इंडिया ने फाइनल में श्रीलंका को मात देकर अपने घर में चैंपियन बनने का गौरव हासिल किया था।
वीरेंद्र सहवाग ने मंगलवार को आईसीसी के एक कार्यक्रम में स्टार स्पोर्ट्स पर कहा कि धोनी ने पूरे टूर्नामेंट में सिर्फ खिचड़ी खाई थी वीरू ने कहा कि इस टूर्नामेंट में धोनी अधिकतर मैचों में बल्ले से कुछ खास कमाल नहीं कर पा रहे थे लेकिन जब भारतीय टीम जीत रही थी, उस दौरान उन्होंने खिचड़ी खाने का टोटका जारी रखा बेशक माही ने अधिकांश मैचों में रन नहीं बनाए हों लेकिन फाइनल में उन्होंने गजब की बैटिंग की माही ने नाबाद 91 रन की पारी खेलकर भारत को यादगार जीत दिलाई।
धोनी खिचड़ी को मानते थे शुभ
वीरेंद्र सहवाग ने कहा, ‘ हरेक का कुछ ना कुछ टोटका था. और हरेक खिलाड़ी उस टोटके को आजमा रहे थे महेंद्र सिंह धोनी ने पूरे टूर्नामेंट के दौरान खिचड़ी खाने का टोटका जारी रखा वह कहते थे कि भले ही मैं रन नहीं बना रहा हूं लेकिन यह टोटका काम कर रहा है और हम जीत रहे हैं’
सहवाग ने पूरे टूर्नामेंट में की थी अच्छी बल्लेबाजी
वीरेंद्र सहवाग ने 2011 के विश्व कप में टीम इंडिया को चैंपियन बनाने में अहम भूमिका निभाई थी बेशक वह फाइनल में शून्य के निजी स्कोर पर पवेलियन लौट गए थे बावजूद इसके उन्होंने टूर्नामेंट में एक शतक की मदद से कुल 380 रन बनाए थे धोनी की कप्तानी में भारत ने आईसीसी के तीनों बड़ी ट्रॉफी अपने नाम की।