गौतम गंभीर के बयान से क्रिकेट जगत में मचा बवाल , गौतम के लिए धोनी कोहली नही बल्कि ये स्टार खिलाड़ी है वर्ल्ड कप जीत का सबसे बड़ा हीरो-

Gautam Gambhir's statement created ruckus in the cricket world

गौतम गंभीर ने एक बार फिर ऐसा बयान दिया है, जिससे भारतीय क्रिकेट जगत हिल गया है गंभीर ने कहा है कि मीडिया और ब्रॉडकास्टर्स मिलकर किसी एक प्लेयर को हीरो बना देते हैं जबकि ऐसा नहीं होना चाहिए दूसरे प्लेयर्स पर भी उतना ही ध्यान दिया जाना चाहिए गंभीर ने बिना नाम लिए एमएस धोनी पर एक बार फिर निशाना साधा इसी कड़ी में उन्होंने कपिल देव और 1983 में वर्ल्ड कप जीतने वाली टीम पर भी बड़ी टिप्पणी की

न्यूज़ 18 से एक इंटरव्यूमें गंभीर ने धोनी का नाम बिना लिया कहा कि एक आदमी और उसकी पीआर टीम ने उसे 2007 और 2011 वर्ल्ड कप का हीरो बना दिया जबकि इन दोनों वर्ल्ड कप्स के असली हीरो युवराज सिंह थे गंभीर के मुताबिक युवी ने टीम इंडिया को दोनों टूर्नामेंट के फाइनल में पहुंचाया था

वो (युवराज सिंह) हमेशा कहते हैं कि मैंने वर्ल्ड कप जिताया पर मेरा मानना है कि युवराज वो प्लेयर हैं जिसने हमें दोनों वर्ल्ड कप के फाइनल तक पहुंचाया मेरे लिए वो दोनों टूर्नामेंट में प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट थे ये दुर्भाग्यपूर्ण है कि जब हम 2007 और 2011 वर्ल्ड कप की बात करते हैं, तब हम युवराज सिंह का नाम नहीं लेते क्यों नहीं? ये सिर्फ मार्केटिंग और पीआर का कमाल है एक प्लेयर को बाकी सबसे बड़ा दिखाया जाता है”

गंभीर का मानना है कि कोई भी खिलाड़ी जीत का कम या ज्यादा जिम्मेदार नही होता बल्कि सारे प्लेयर मैच विनर होते है “कोई अंडररेटेड नहीं होता ये सिर्फ पीआर और मार्केटिंग का कमाल है हमें बताया गया है कि पूरी टीम ने नहीं, बल्कि एक प्लेयर ने हमें 2007 और 2011 वर्ल्ड कप जिताया बड़ा टूर्नामेंट कोई भी एक प्लेयर नहीं जीता सकता अगर ऐसा होता, तो भारत के पास 5-10 वर्ल्ड कप होते” गंभीर ने इसके बाद फै़न्स और देश को लोगों पर भी टिप्पणी की उनका मानना है कि भारत के लोग टीम से ज्यादा किसी एक प्लेयर को लेकर ज्यादा पागल हैं

“बहुत लोग ये कहेंगे नहीं, पर ये सच है और मैं ये कहूंगा क्योंकि सच दुनिया के सामने आना चाहिए भारत टीम को लेकर पागल नहीं है, बल्कि किसी एक प्लेयर को लेकर पागल है हम एक प्लेयर को टीम से बड़ा मान लेते हैं इंग्लैंड, न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया जैसे देश में टीम किसी भी प्लेयर से बड़ी होती है इंडियन क्रिकेट में जितने भी स्टेकहोल्डर्स हैं, ब्रॉडकास्टर्स से लेकर मीडिया तक, सब पीआर एजेंसी बन चुके हैं अगर ब्रॉडकास्टर्स आपको क्रेडिट नहीं देंगे, आप हमेशा अंडररेटेड ही रहेंगे ये सच्चाई है इसलिए ही हमने लंबे समय से ICC टूर्नामेंट नहीं जीता है हम किसी एक प्लेयर को लेकर पागल रहते हैं (टीम को लेकर नहीं)”

गंभीर ने 1983 का भी उदाहरण दिया

“मोहिंदर अमरनाथ की बात कितने लोग करते हैं? (जनता में जो लोग बैठे थे उनकी तरफ रुख करके) यहां जितने लोग बैठे हैं, उनसे पूछिए, 1983 वर्ल्ड कप की फोटो उन्होंने मोहिंदर अमरनाथ के साथ कितनी बार देखी है? उस वर्ल्ड कप में मोहिंदर जी का प्रदर्शन कैसा था? आप सबने सिर्फ कपिल जी को ट्रॉफी उठाते हुए देखा है ना? मोहिंदर अमरनाथ जी सेमीफाइनल और फाइनल, दोनों में प्लेयर ऑफ द मैच थे (पब्लिक से पूछते हैं) क्या आपमें से कोई भी जानता है कि मोहिंदर अमरनाथ फाइनल में मैन ऑफ द मैच थे?

लोगों ने ना में जवाब दिया

यही समस्या है आजतक सिर्फ एक ही फोटो सबको दिखाई जाती है, कपिल देव उस ट्रॉफी को उठाते हुए कभी-कभी मोहिंदर अमरनाथ जी को भी दिखा दिया जाना चाहिए!

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