वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल मुकाबले के पहले दिन ही इंडिया ने नहीं दिखी वो बात, ओवल के मैदान पर भारतीय गेंदबाज पूरी तरह से बेअसर नजर आए

R ashwin

कप्तान रोहित की कप्तानी में दम दिखा, ना भारतीय तेज गेंदबाजों की गेंदबाजी में वो धार नजर आई। ट्रेविस हेड और स्टीव स्मिथ ने ओवल के मैदान पर टेस्ट क्रिकेट को वनडे की तरह खेला। यही वजह रही कि वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल मैच का पहला दिन पूरी तरह से कंगारू बल्लेबाजों के नाम रहा। हेड-स्मिथ की जोड़ी के आगे कैप्टन रोहित का हर दांव बुरी तरह से फेल हुआ। दिन का खेल खत्म होने तक ऑस्ट्रेलिया ने सिर्फ 3 विकेट खोकर स्कोर बोर्ड पर 327 रन टांग दिए हैं। आइए आपको बताते हैं किन तीन वजहों के चलते हुआ खिताबी मुकाबले के पहले ही दिन रोहित की पलटन का बुरा हाल

1. अश्विन को बाहर बैठाकर रोहित शर्मा से बड़ी चूक

वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल मुकाबले में पहले गलती तो कप्तान रोहित ने टॉस के समय पर ही कर दी थी। रोहित ने डब्ल्यूटीसी के नंबर एक गेंदबाज रविचंद्रन अश्विन को प्लेइंग इलेवन में मौका ही नहीं दिया। उसी अश्विन को टीम मैनेजमेंट ने बाहर बैठाने का फैसला किया, जिसके आगे स्मिथ हर जगह भीगी बिल्ली बने नजर आते हैं। अश्विन की कमी साफतौर पर टीम इंडिया को टेस्ट के पहले ही दिन खली।

2. भारतीय गेंदबाज थके दिखे।

आईपीएल 2023 खेलकर टेस्ट क्रिकेट के फॉर्मेट में लौटे टीम इंडिया के तेज गेंदबाज खिताबी मुकाबले में थके हुए नजर आए। खासतौर पर आखिरी सेशन में भारतीय गेंदबाजों के चेहरे और कंधे पूरी तरह से झुके हुए नजर आए, जिसका फायदा ट्रेविस हेड और स्टीव स्मिथ ने बखूबी निभाया।

3. बाउंसर का नहीं हुआ इस्तेमाल

ओवल की उछाल भरी पिच पर भारतीय गेंदबाजों ने बाउंसर का इस्तेमाल ना के बराबर किया। पहले दिन 146 रन बनाकर नाबाद लौटे ट्रेविस हेड की सबसे बड़ी कमजोरी बाउंसर है और उनके खिलाफ शॉर्ट पिच गेंदों का इस्तेमाल तब हुआ जब वह 90 के स्कोर को पार कर चुके थे। मैच की शुरुआत में भी सिराज और शमी जैसे गेंदबाजों ने बाउंसर फेंककर ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों को डराने का कोई प्रयास ही नहीं किया। यही वजह रही कि कंगारू बल्लेबाज पहले दिन पूरी तरह से भारतीय बॉलर्स पर हावी नजर आए।

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